उनकी पलकों से आंसुओ को चुरा रहे थे हम,
उनके गमो को हसीं से सजा रहे थे हम,
जलाया उसी दिए ने हाथ हमारा,
जिसकी रौशनी को हवा से बचा रहे थे हम..!
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Unki Palko Se Aansuo Ko Chura Rahe The Hum,
Unke Gamo Ko Hasi Se Saja Rahe The Hum,
Jalaya Usi Diye Ne Hath Hamara,
Jiski Roshni Ko Hawa Se Bacha Rahe The Hum.
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